MP News: इंदौर लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई, ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अधिकारी को रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायालय ने रिश्वत लेने के मामले में तत्कालीन नोडल अधिकारी गजेंद्र देशमुख को चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है।

लोकायुक्त के विशेष लोक अभियोजक आशीष खरे ने बताया विशेष न्यायाधीश कमलेश सनोडिया की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। खरे ने बताया रिश्वत के एक मामले में शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल के तत्कालीन नोडल अधिकारी गजेंद्र देशमुख निवासी भागीरथपुरा को यह सजा सुनाई है।

उन्होंने बताया आरोपी ने निजी स्कूल की प्राचार्य से शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत पढ़ने वाले बच्चों के प्रमाणीकरण के लिए रिश्वत मांगी थी। ये है पूरा मामला यह है मामला आरोपी एरोड्रम रोड स्थित शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल गांधी नगर में यूटीडी (उच्च श्रेणी शिक्षक) होने के साथ नोडल अधिकारी भी था।

इस नाते उसके पास निजी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार के तहत पढ़ने वाले बच्चों का निरीक्षण कर इसका प्रमाणीकरण करने का अधिकार भी था। आरोपी ने गांधी नगर स्थित ब्लासम एकेडमी स्कूल का नवंबर 2016 में निरीक्षण किया था, कि स्कूल में शिक्षा का अधिकार के तहत कितने बच्चे निशुल्क पढ़ते हैं।

इसके बाद उसे प्रमाणीकरण फार्म पर हस्ताक्षर कर देना था, किंतु वह टाल रहा था। ऑफिस में उक्त रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था इस पर स्कूल की प्राचार्य विनीता वर्मा ने उससे संपर्क किया तो इसके लिए उसने पांच हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी।

फरियादी प्राचार्य ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस में की थी।

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