- होम >>
Indore News: शादीशुदा व्यक्ति ने `लिव-इन` पार्टनर से किया दुष्कर्म, तो जिला अदालत ने आरोपी को किया बरी; कोर्ट ने इस आधार पर सुनाया फैसला
- न्यूज़
- Wednesday | 8th May, 2024
पीटीआई, इंदौर।
मध्य प्रदेश की इंदौर जिला अदालत ने 34 वर्षीय एक विवाहित व्यक्ति को अपनी लिव-इन पार्टनर के साथ दुष्कर्म करने, गर्भपात के लिए मजबूर करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोपी को बरी कर दिया है।
एक अभियोजन अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। 25 अप्रैल के इस फैसले में, अदालत ने कहा कि एक समझौता था जिसके तहत 29 वर्षीय महिला ने एक ऐसी व्यवस्था के लिए सहमति दी थी जिसमें 29 वर्षीय महिला ने इस बात पर सहमति जताई थी कि पुरुष सात दिन उसके साथ और सात दिन अपनी पत्नी के साथ बारी-बारी से रहेगा।
आरोपी व्यक्ति को साल 2021 में किया गया था गिरफ्तार अधिकारी ने बताया कि महिला ने इस व्यक्ति के खिलाफ शहर के भंवरकुआं पुलिस थाने में 27 जुलाई 2021 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उसने शादी का झांसा देकर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया, जबरन गोलियां खिलाकर उसका गर्भपात कराया और उसे जान से मारने की धमकी भी दी। आरोपी व्यक्ति को 15 अगस्त, 2021 को गिरफ्तार किया गया था।
2 मार्च, 2022 को जमानत पर रिहा होने से पहले उसने 200 दिन जेल में बिताए। एग्रीमेंट की वजह से अदालत ने किया आरोपी को किया दोषमुक्त अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जयदीप सिंह ने तथ्यों और सबूतों पर विचार करने के बाद इस व्यक्ति को भारतीय दंड विधान की धारा 376 (दो) (एन) (महिला से बार-बार दुष्कर्म), धारा 313 (स्त्री की सहमति के बिना उसका गर्भपात कराना) और धारा 506 (धमकाना) के आरोपों से 25 अप्रैल को बरी कर दिया। समझौते में कबूल की शादीशुदा होने की बात अदालत ने अपने फैसले में रेखांकित किया कि प्राथमिकी दर्ज कराने वाली महिला ने इस व्यक्ति के साथ 15 जून 2021 को बाकायदा समझौता किया था जिसमें साफ लिखा गया था कि आरोपी पहले से शादीशुदा है और वह एक हफ्ते उसके साथ और एक हफ्ते अपनी पत्नी के साथ बारी-बारी से रहेगा।
समझौते में यह भी कहा गया कि महिला और पुरुष पिछले दो साल से रिलेशनशिप में थे। यह भी पढ़ें- उज्जैन में तेज रफ्तार वैन की ट्रक से जबरदस्त टक्कर, दो लोगों की मौत; 8 घायल ।
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।