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Sharad Purnima 2024: वर्षभर की 12 पूर्णिमाओं में शरद पूर्णिमा सबसे श्रेष्ठ, इस बार दो दिन पड़ रहा संयोग
- न्यूज़
- Sunday | 13th October, 2024
मां लक्ष्मी की पूजा से आती है आर्थिक संपन्नता आचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि शरद पूर्णिमा का एक नाम कोजागर व्रत भी है।
कोजागर शब्द को जागृति से बना हुआ है।
इसका अर्थ होता है कि कौन जाग रहा है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर भ्रमण करती हैं और जो भी व्यक्ति जागते हुए भक्ति भाव में लीन होता है उसे सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं।
इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक संपन्नता आती है और बड़ी-बड़ी व्याधियों से मुक्ति प्राप्त होती है। मां लक्ष्मी के निमित्त दीपदान करने का भी विधान शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए।
संध्या काल के समय मां को स्नान कराकर षोडशोपचार से उनका पूजन करना चाहिए।
इस दिन रात्रि जागरण करते हुए मां लक्ष्मी के निमित्त दीपदान भी करने का विधान बताया गया है।
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