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ब्रह्मलीन संत पायलट बाबा को आज Haridwar में दी जाएगी भू-समाधि, खुद चुना था स्थान
- न्यूज़
- Thursday | 22nd August, 2024
श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले प्रमुख संतों में श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि, जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि, जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेश पुरी, सचिव श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि, सचिव सहजानंद गिरि, थानापति धर्मेंद्र गिरि, प्रेमानंद गिरि, साध्वी चेतनानंद गिरि व साध्वी श्रद्धा गिरि समेत हजारों की संख्या में साधु-संत व गणमान्य लोग शामिल थे। पायलट बाबा ने भू-समाधि के लिए स्वयं किया था स्थान चयन संत पायलट बाबा ने ब्रह्मलीन होने से पूर्व ही अपने लिए भू-समाधि स्थल का चयन कर लिया था।
यह स्थान उनके कनखल स्थित आश्रम में गेट के पास है।
यहां पायलट बाबा के मंदिर का निर्माण भी हो रहा है।
आश्रम प्रबंधन से जुड़े डा. दुष्यंत ने बताया कि बाबा से ब्रह्मलीन होने से पहले ही इस स्थान का चयन कर उन्हें यहीं भू-समाधि दिए जाने की इच्छा व्यक्त की थी। यह भी पढ़ें- उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों व आश्रितों के लिए एक और सौगात, PCS परीक्षा में भी लागू होगा आरक्षण पायलट बाबा के निधन पर संत समाज ने जताया शोक जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा के निधन पर संत समाज में शोक की लहर है।
आवाहन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी महाराज ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि वह संत समाज की दिव्य विभूति थे। कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा ने भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर के पद पर रहते हुए 1962, 1965 और 1971 के युद्ध में भाग लिया और देश सेवा में योगदान दिया।
इसके बाद संन्यास धारण कर धर्म संस्कृति के संरक्षण में योगदान दिया।
देश सेवा और सनातन धर्म संस्कृति को देश विदेश में प्रचारित प्रसारित करने में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि संत समाज ने देश और धर्म सेवा में सदैव अग्रणी भूमिका निभायी है।
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