Tikamgarh: गांव-गांव तक पहुंचाई जनसुनवाई, मुख्यालय तक पहुंचने वाली शिकायतें 90 फीसदी तक घटीं

दरअसल कलेक्टर ने देखा कि गांव स्तर से लोग जिला मुख्यालय आते हैं और फिर आवदेन टाइप कराना सहित उनके कई खर्चे होते थे।

इसके पूर्व भी ग्राम पंचायत स्तर पर कर्मचारियों से अपेक्षा थी कि निचले स्तर पर ही समस्याओं का निराकरण हो जाए, लेकिन मॉनीटरिंग की बेहतर व्यवस्था न होने से समस्याओं का निराकरण तेजी व गारंटी के साथ नहीं हो पाता था और लोगों को एक ही प्रकार की शिकायत के लिए ग्राम पंचायत स्तर से लेकर जिला मुख्यालय तक कई आवेदन देने पड़ जाते थे।

जब तक ग्रामीण स्वयं कलेक्टर के हाथ में आवेदन नहीं थमा देते थे, तब तक उन्हें निराकरण होने का भरोसा नहीं रहता था।

ऐसे में कलेक्टर ने इस नवाचार को शुरू किया। अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि बने सहभागीअभियान में पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत सरपंच भी सक्रिय भूमिका में है।

सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य आदि को भी इस प्रक्रिया के बारे में अवगत कराते हुए इसमें सहभागी बनाया है, जो अधिकारी ग्राम पंचायत स्तर पर अपनी ड्यूटी के लिए जाते हैं।

शासन की उनसे स्वयं क्षेत्र भ्रमण की अपेक्षा रहती है, जिसे मंगलवार की जनसुनवाई से जोड़कर इसका भी समाधान किया गया।

साथ ही कार्यालय का संचालन विधिवत होता है, जिसमें कोई व्यवधान नहीं आता। पेपरलैस है पूरा सिस्टमसुनवाई का यह पूरा सिस्टम पेपरलैस है।

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