संवादी गोरखपुर: सजा विचारों का मेला, अभिव्यक्ति के उत्सव का हर रंग अलबेला

इसे भी पढ़ें-28 अक्टूबर से 15 नवंबर तक प्रदेशवासियों को मिलेगी 24 घंटे बिजली, पहली बार 19 दिन तक नहीं होगी कटौती दैनिक जागरण की ओर से योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित संवादी गोरखपुर के तृतीय सत्र गाेरखपुर सबरंग- शहर पर चर्चा करते डा.वेद प्रकाश पांडेय,संपादक शहरनामा,अचिंत्य लाहिड़ी,प्रबंध निदेशक होटल विवेक,प्रो.हर्ष सिन्हा वरिष्ठ स्तंभकार।

जागरण इस वर्ष का दो दिवसीय आयोजन इसी का परिणाम है।

साहित्य और संस्कृति की हर विधा में अभिव्यक्ति को मंच देने का उद्देश्य साझा करते हुए वह कहते हैं जैसा जीवन वैसा ही संवादी है।

उनके बाद डायस पर इतिहासविद् प्रो. हिमांशु चतुर्वेदी आते हैं, जो हिंदी के ऐतिहासिक विरुद्ध और संघर्ष से सभागार को परिचित कराते हैं। दैनिक जागरण की ओर से योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित संवादी गोरखपुर शिक्षा का नया केन्द्र सत्र में बात रखते प्रो.जयप्रकाश सैनी कुलपति मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,प्रो.कविता शाह,कुलपति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु,प्रो.पूनम टंडन कुलपति दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय व संचालक डा.आमोद कुमार राय एसोसिएट प्रोफेसर गोवि.।

जागरण उद्घाटन सत्र के अध्यक्षीय उद्बोधन में ऐसे हर कुचक्र की चिंता को निर्मूल सिद्ध करते हुए प्रो. विश्वनाथ तिवारी कहते हैं, हिंदी की अविरल धारा के आगे अवरोध टिक नहीं सकते हैं।गोरखपुर के योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में जागरण संवादी में उपस्थित पद्श्री प्रो.विश्वनाथ तिवारी, इतिहासविद प्रो. हिमांशु चतुर्वेदी, दैनिक जागरण के राज्यसंपादक आशुतोष शुक्ल व अनंत विजय ।

जागरण दूसरे सत्र में साहित्यकार डा. अभिषेक शुक्ल, नवीन चौधरी और सहायक आचार्य डा. अपर्णा पांडेय के साथ भारतेंदु नाट्य अकादमी के सदस्य मानवेंद्र त्रिपाठी ने युवाओं की साहित्यिक पसंद पर चर्चा शुरू करते हैं।

मंच पर उपस्थित विद्वतजन से प्रश्न कर वह साहित्य से जुड़ी युवा मन की हर दुविधा और जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास करते आगे बढ़ते हैं।इसी बीच संवादी की सार्थकता सिद्ध करते हुए दीर्घा से एक गंभीर प्रश्न आता है।

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