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नेपाल में पशु बलि रोकने के लिए सीमा पर निगरानी, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात
- न्यूज़
- Saturday | 30th November, 2024
पशुओं के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था से जुड़े वर्नित शाह व कुशल जैन ने पुलिस मुख्यालय को ई-मेल भेजकर बताया है कि बलि पर रोक होने और स्थानीय स्तर पर विरोध के बाद भी आठ व नौ दिसंबर को सामूहिक बलि देने का कार्यक्रम है।
इस आयोजन में 2000 से अधिक कसाइयों के द्वारा 2.50 से तीन लाख पशुओं की बलि दी जाती है।
पशुओं की तस्करी होने से सीमा क्षेत्र में दूध का संकट भी खड़ा होगा।
पशु तस्करी पर रोक लगाकर ही इससे बचा जा सकता है। इसे भी पढ़ें- पूर्वांचल के जुहू चौपाटी की कहानी: बढ़ानी थी ताल की शान, लेकिन सांसत में बतखों की जान भारत से भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालुबारा जिला के बरियापुर गांव में गढ़ीमाई मंदिर अति प्राचीन है।
पांच वर्ष होने वाले होने वाले महाेत्सव में लोग मन्नत पूरी होने पर पशु के अलावा पक्षियों की बलि देते हैं।
इसमें नेपाल के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, झारखंड समेत कई राज्यों से भी लोग पहुंचते हैं। ।
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