गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में AI और मशीन लर्निंग से होगी पौधों की पहचान, जानेंगे फायदा-नुकसान

विभाग ने इस विषय को अपनी शोध योजना में प्रमुख रूप से स्थान दिया है।

इसके लिए विभाग में अलग विंग बनाने का निर्णय भी लिया है।

विंग को संचालित करने की जिम्मेदारी विभाग के शिक्षक डा. रामवंत गुप्ता को सौंपी है। इसे भी पढ़ें-अनंत अंबानी के रिसेप्शन में रामनगर के हथकरघा से होगा बुनकारी का प्रदर्शन, मां कोकिला बेन के लिए बन रहा खास परिधान वनस्पति विज्ञान विभाग में वर्तमान में ज्यादातर शोध परंपरागत विषयों पर ही होते हैं।

यहां होने वाले शोध के विषय अभी भी आधुनिक तकनीक से दूर हैं।

इसे ध्यान में रखकर ही विभाग ने एआइ और मशीन लर्निंग को शोध का विषय बनाने का निर्णय लिया है। इस तकनीक से पौधों की पहचान तो आसान होगी ही, उसके चरित्र की जानकारी भी आसानी से मिल जाएगी।

यदि पौधे वातावरण के लिए नुकसानदेह हैं तो उन्हें नष्ट करना की योजना बनाई जा सकेगी और यदि फायदेमंद है तो उन्हें बढ़ावा देने को लेकर योजना बनाने का रास्ता खुलेगा। इसे भी पढ़ें-यूपी में 18 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, जानिए कब से लागू हो रहा यह नियम अभी तक इसके लिए परंपरागत तरीके का इस्तेमाल पर ही विभाग में शोध होता रहा है।

नई तकनीक के इस्तेमाल में विभाग के शोध का स्तर दायरा बढ़ेगा और उसके विश्वव्यापी होने की संभावना भी बढ़ जाएगी। विभाग का यह भी मानना है कि शोध में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने से उसे देशभर के बेहतर शोधार्थी मिलेंगे, जिससे शोध की गुणवत्ता में तो बढ़ोतरी होगी ही, विश्वविद्यालय का उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नाम भी ऊंचा होगा। पौधों की कार्बन डाई आक्साइड ग्रहण करने की क्षमता पर होगा शोध विभाग ने यह भी निर्णय लिया है कि पर्यावरण संतुलन में विश्वविद्यालय की भूमिका सुनिश्चित करने के लिए पौधों की कार्बन डाई आक्साइड ग्रहण करने की क्षमता बढ़ाने पर भी शोध किया जाएगा।

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