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UP News: बेतिया राज की संपत्तियों पर बिहार सरकार का कब्जा, गोरखपुर में लोगों की बढ़ी बेचैनी; सामने आई हैरान करने वाली वजह
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- Wednesday | 27th November, 2024
इस संबंध में बाद में निर्णय लिया जाएगा लेकिन, नीजी निर्माण खाली कराना बिहार राजस्व परिषद की प्राथमकिता में है।
इसपर जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश ने परिषद के अध्यक्ष के सामने प्रस्ताव रखा था कि निजी निर्माण करा चुके लोगों को नोटिस देकर वर्तमान सर्किल रेट से दो गुना कीमत जमा कराकर जमीन उन्हें दे दी जाए।
जो राजी नहीं होंगे, उनके खिलाफ सिविल में केस दाखिल कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है। इसे भी पढ़ें- देहरादून में दोबारा निर्धारित होगी वाहनों की अधिकतम गति-सीमा, हादसों ने खोली प्रशासन की नींदपरिषद के अध्यक्ष ने इसपर सहमति जताई थी और साथ ही आश्वस्त भी किया था कि वे इस संबंध में जल्द ही बिहार सरकार से जरूरी कार्रवाई कर शासनादेश जारी कराएंगे। समीक्षा में पाया गया था कि बाकी जमीन पर कहीं सड़क है तो कहीं सरकारी स्कूल, पानी की टंकी और कब्रिस्तान आदि है।
ऐसे में बिहार राजस्व परिषद की पहली प्राथमिकता, बेतिया एस्टेट की जमीन पर हुए निजी निर्माण का निस्तारण है क्योंकि सरकारी जमीन के मामले में शासन स्तर पर सहमति बन चुकी है।
लेकिन, मंगलवार को बिहार विधान मंडल में पारित हुए विधेयक के बाद अब इस निर्णय की क्या स्थिति होगी, उसपर सभी जिम्मेदार मौन साधे हुए हैं। बिहार राजस्व परिषद की ओर से बेतिया राज की संपत्ति की देखरेख के लिए जिले में तैनात किए गए राजस्व पदाधिकारी बद्री प्रसाद गुप्ता का कहना है कि विधेयक की कापी अभी उन्हें प्राप्त नहीं हुई है।
उसके अध्ययन के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि गोरखपुर और यहां के अन्य जिलों में बेतिया राज की संपत्ति को लेकर क्या कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। जमीन के सीमांकन के लिए गोरखपुर को मिले चार अमीनबेतिया राज की भूमि मापी के लिए बिहार सरकार ने नए अमीनों की बहाली की है।
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