सऊदी में फंसे हैं झारखंड के 45 मजदूर, कुवैत में जान की भीख मांग रहा दशरथ; सरकार से मदद की लगाई गुहार

गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के ऐसे 45 से अधिक मजदूर अब पराए मुल्क में खानाबदोश की जिंदगी जी रहे।

इधर, उनके स्वजन टकटकी लगाए बैठे हैं कि सरकार हस्तक्षेप करे तो उनके अपनों की घर वापसी हो सके। बकाया वेतन मांगा तो लगा दिया चोरी का इल्जाम हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ का रहने वाला दशरथ हांसदा कुवैत में फंसकर अपनी जान की भीख मांग रहा।

दशरथ ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले अक्टूबर 2022 में खलारी निवासी पप्पू खान के कहने पर रोजगार की तलाश में 85 हजार रुपये कर्ज लेकर कुवैत गया था। पप्पू खान कुवैत में जिस कारोबारी के यहां वाहन चलाता था, वहीं उसने उसकी भी नौकरी लगवाई और खुद भारत वापस आ गया।

कुवैत से निकलते समय पप्पू ने बताया कि यहां काम करना मुश्किल है।

दशरथ के अनुसार, पहले दिन से कुवैत में उसकी दुर्दशा शुरू हो गई थी।

कंपनी ने तनख्वाह तक नहीं दी। वहां उसे अकील राधी दौश ने वाहन चालक का काम दिया था, लेकिन पैसे मांगने पर कहा कि पप्पू के ऊपर उसके पैसे बकाया हैं और वही उसे बंधक बनाकर चला गया है।

पैसे के लिए दबाव बनाने पर अकील ने उसपर टायर चोरी का इल्जाम लगाकर केस कर दिया।

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