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AQI पहुंचा 400 पार, गले में खराश, आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत; यूपी के इस शहर का बुरा हाल
- न्यूज़
- Thursday | 7th November, 2024
दरअसल, प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण ग्रेप (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) के दूसरे चरण की पाबंदियां लागू हैं।
ग्रेप के पहले चरण की पाबंदी 15 अक्टूबर व दूसरे चरण की पाबंदी 22 अक्टूबर से लागू हुई थीं। यह भी पढ़ें- हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र में नए विधायक नहीं पूछ सकेंगे सवाल, जानिए ऐसा क्यों?लोगों का कहना है कि यही स्थिति बनी रही तो हवा कभी गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है।
इससे ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदी लागू हो जाएंगी।
इससे मुसीबत और ज्यादा बढ़ जाएगी। वसुंधरा की हवा भी बेहद खराब श्रेणी मेंजिले में लोनी के बाद वसुंधरा क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे अधिक बना हुआ है।
एक्यूआई 338 दर्ज किया गया।
इन इलाकों के मुकाबले इंदिरापुरम व संजय नगर के लोगों को थोड़ी राहत है।लोनी में प्रदूषण के मुख्य कारण- अवैध फैक्ट्रियों का संचालन- ई-वेस्ट जलाकर धातु निकालना- जगह-जगह टूटी सड़कें- निर्माण गतिविधियों से उड़ी धूल - खुले में निर्माण सामग्री बेचना- पुराने वाहनों का संचालन बीते एक सप्ताह का जिला व लोनी का एक्यूआई दिनांक जिला लोनी सात नवंबर 316 402 छह नवंबर 281 374 पांच नवंबर 268 स्टेशन बंद चार नवंबर 314 383 तीन नवंबर 290 350 दो नवंबर 330 377 एक नवंबर 306 344 इस तरह बढ़ा स्टेशनों का एक्यूआई स्टेशन बुधवार बृहस्पतिवार इंदिरापुरम 211 248 वसुंधरा 319 338 लोनी 374 402 संजय नगर 271 276 लोनी को हाटस्पाट में शामिल किया गया है।
यहां प्रदूषण रोकथाम के लिए प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है।
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