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गाजियाबाद में वकीलों का हंगामा, न्यायिक कार्य में बाधा डालने पर 43 नामजद और 80 अज्ञात के खिलाफ FIR
- न्यूज़
- Saturday | 30th November, 2024
अन्य न्यायालयों में भी यह अपकृत्य किया गया और वादकारियों के साथ मारपीट की गई।
कोर्ट के अंदर आने वाला रास्ता भी बंद किया गया।
28 नवंबर को कुछ अधिवक्ताओं ने अशोभनीय भाषा में नारेबाजी करते हुए न्यायालय कक्षों में जाकर न्यायिक कार्य को बाधित किया गया।
तीनों दिनों की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है, जिसे अधिवक्ताओं की 43 अधिवक्ताओं की पहचान हुई है।अधिवक्ताओं के नाम मुकुल शर्मा, विकास त्यागी, सुमित त्यागी कनौजिया, नितिन यादव, हरीश वर्मा, विनय उपाध्याय, उमेश कसाना, खालिद खान का जूनियर हर्ष चौधरी, योगेंद्र कौशिक, दिशांत स्वामी, नेमपाल सिंह, मुकेश कुमार, मनीष शर्मा, मुस्तफा चौधरी, दीपक सिंह, हरेंद्र गौतम, अरविंद कौशिक, शरद शर्मा, गौरव त्यागी, दीपक शर्मा, आसिफ खान, सुमित। विश्वास त्यागी, अमित राणा, पंकज त्यागी, नितिन त्यागी डूंडाहेड़ा, शरद शर्मा, निर्भय जैन, संजय त्यागी, मोहन, बिट्टू त्यागी, योगेंद्र सिंघल, मनीष शर्मा, सुमित चौधरी, हिमांशी, सतपाल यादव, वरुण त्यागी, अखिल त्यागी, दीपक, मारूफ चौधरी, साबिर चौधरी, रोहित वीरू, सुमित त्यागी हैं। सिविल जज के कक्ष में घुसे अधिवक्ता पर केससिविल जज के पेशकार ने भी कविनगर थाने में एक अधिवक्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
पेशकार संजय कौशिक ने अपनी तहरीर में बताया कि 28 नवंबर को दोपहर 3:10 बजे अधिवक्ता अतुल डोभाल बिना अनुमति सिविल जज के कक्ष में प्रवेश कर गए।
उन्होंने जज की तरफ एक फार्म बढ़ाते हुए कहा कि मैं अधिवक्ता हूं, लड़की का फार्म अटेस्ट करता है। सिविल जज ने बिना अनुमति के अंदर आने का कारण पूछा तो अधिवक्ता बाहर निकलकर न्यायालय कक्ष में आ गए और संजय को बुलाने लगे।
इस दौरान घंटी बजने पर पेशकार संजय सिविल जज के पास पहुंचे और बताया कि अधिवक्ता के साथ एक महिला और पुरुष हैं, जो चैंबर के बाहर खड़े थे, यह नहीं पता कि वह अंदर कैसे आए।सिविल जज ने पेशकार से अधिवक्ता को जाने के लिए कहने पर अधिवक्ता आक्रोशित होकर कहने लगे कि काम तो हमारा हम करा ही लेंगे, इन लोगों के दिमाग ज्यादा खराब हो गए हैं।
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