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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बोधगया में कुलदेवी की विशेष पूजा की, मठ के विकास को लेकर किया बड़ा वादा
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- Friday | 24th May, 2024
वराह देवी की प्रतिमा छठी शताब्दी का- महंत उन्होंने बताया कि मठ परिसर में स्थापित वराह देवी की प्रतिमा छठी शताब्दी की है।
मुख्यमंत्री ने गया के विष्णुपद मंदिर व मंगलागौरी मंदिर में भी दर्शन व पूजन किया।
मां वराह की पूजा में मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी गोशाला श्री कृष्णायन देसी गोरक्षाशाला के संचालक स्वामी अच्युतानन्द एवं स्वामी कमलानंद भी साथ थे।
दोनों ने जीर्णोद्धार के बाद बोधगया मठ की प्राचीन अतिथिशाला का फीता खोल कर उद्घाटन किया। मुझे और मेरे परिवार को ऊर्जा मिली- मोहन यादव मठ के संन्यासी स्वामी विवेकानंद गिरी ने बताया कि अतिथिशाला वर्ष 1811 में बनवाई गई थी।
इसमें स्वामी विवेकानंद, रविंद्र नाथ टैगोर आदि विभूतियों ने भी विश्राम किया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि बोधगया मठ में आने का कारण व्यक्तिगत, धार्मिक तथा आध्यात्मिक है।
इससे मुझे तथा मेरे परिवार को ऊर्जा मिली है।
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