प्रखंड पर्यटन दर्शनीय बिहार: यहां प्रकृति का नैसर्गिक सौंदर्य, महेर पहाड़ी पर सदाफल गूलर वन में बहते सदानीरा झरने

महेर पहाड़ी के 400 मीटर की ऊंचाई से यह झरना नीचे आता है।

यहां आधा दर्जन अलग-अलग स्थानों से पानी का बहाव है।

क्षेत्र में बड़ी संख्या में गूलर के पेड़ हैं। इन पौधों के जड़ एवं तने से होते हुए पानी बहता है।

इसी कारण जलजमाव वाले क्षेत्र को ग्रामीण गुलरिया चुवां कहते हैं। क्षेत्र के युवा जब इस स्थान पर पिकनिक मनाने पहुचते हैं तो गूलर के पेड़ों की टहनियों पर अपना नाम लिखकर पहचान छोड़ जाते हैं। गया के वजीरगंज की महेर पहाड़ी का विहंगम दृश्य। क्षेत्र के ग्रामीण कहते हैं कि गर्मी के मौसम में जब हम बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते हैं।

उस वक्त किसी सरकारी तंत्र का तो नहीं लेकिन इन पत्थरों का दिल पसीजता है।

तब इसकी धाराएं तेज हो जाती हैं। फिर पानी का बहाव पहाड़ के नीचे तराई तक आ जाता है, जहां से पानी लेकर हम अपनी प्यास बुझाते हैं।

पशु-पक्षियों को भी चुएं से पानी मिलता है। जिस स्थान पर यह झरना बहता है, वह काफी रमणीक है।

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