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Pind Daan Vidhi: गया में पितरों को तर्पण कैसे अर्पित करें, पढ़ लीजिए पूरी विधि यहां; पूर्वज हो जाएंगे तृप्त
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- Thursday | 19th September, 2024
मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं होने पर भी कर सकते हैं तर्पण प्रतिपदा।
इस तिथि को नाना-नानी की श्राद्ध के लिए सही बताया गया है ।
इस तिथि को श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है ।यदि नाना-नानी के परिवार में कोई श्राद्ध करने वाला न हो और उनकी मृत्यु तिथि याद न हो, तो आप इस दिन उनका श्राद्ध कर सकते हैं। पंचमी।
जिन लोगों की मृत्यु अविवाहित स्थिति में हुई हो, उनका श्राद्ध इस तिथि को किया जाना चाहिए। नवमी।
सौभाग्यवती यानि पति के रहते ही जिनकी मृत्यु हो गई हो, उन स्त्रियों का श्राद्ध नवमी को किया जाता है ।
यह तिथि माता के श्राद्ध के लिए भी उत्तम मानी गई है।
इसलिए इसे मातृ-नवमी भी कहते हैं।
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