- होम >>
फर्जी है गया के मेयर गणेश पासवान की जाति का सर्टिफिकेट, डीएम को मिला कार्रवाई करने का निर्देश
- न्यूज़
- Thursday | 13th June, 2024
शिकायतकर्ता पूर्व विधायक ने बताया कि कमेटी के समक्ष हमने कई साक्ष्य, दस्तावेज, वंशावली सहित लिखित जानकारी दी थी।
कमेटी की अंतिम सुनवाई बीते 21 मई को हुई थी, जहां कमेटी के साथ-साथ मेयर के अधिवक्ता भी मौजूद थे।
सुनवाई के बाद आयोग ने अपर पुलिस महानिदेशक कमजोर वर्ग, अपराध अनुसंधान विभाग से भी जांच कराई गई। क्या है शिकायतकर्ता विधायक का दावा? श्यामदेव पासवान ने आगे बताया कि कि कमेटी ने मेयर की वंशावली, स्कूल के दस्तावेज, खतिहान सहित अन्य बिंदुओं की जांच की गई।
इसमें 1914-15 का म्युनिसिपल सर्व खतिहान और 1978-79 के नगर निगम का डिमांड सहित सभी दस्तावेजों में इनके वंशजों की जाति के रूप में बंगाली ही अंकित पाई गई है। इससे यह स्वत: प्रमाणित होता है कि 1980 के पूर्व मूल रूप से बीरेंद्र कुमार के पिता, दादा और परदादाता सभी बंगाली जाति के ही थे।
कमेटी के समक्ष इस तरह के कई साक्ष्य पेश किए गए हैं। 18 जून को पक्ष रखने का अंतिम मौका उन्होंने कहा कि 18 जून को चुनाव आयोग ने शिकायतकर्ता और आरोपित दोनों को बुलाया है, जहां अंतिम पक्ष रखने का मौका दिया गया है। पूर्व विधायक ने बताया कि सामान्य प्रशासन द्वारा आदेश की प्रति डीएम को उपलब्ध करा दिया गई है।
उस आदेश पर सामान्य प्रशासन ने मेयर पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। पूर्व विधायक ने बताया कि अनुसूचित जाति के आरक्षित पद की मेयर द्वारा हकमारी की गई है।
उन पर आरक्षण की धोखाधड़ी करने के मामले में कार्रवाई करने की मांग किया गया है। क्या कहते हैं मेयर बीरेंद्र कुमार? गया के मेयर बीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जाति का कोई मामला नहीं है।
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।