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धनबाद में स्कूलों के लिए प्रेरणा बने कौशल कुमार, सुशिक्षित समाज की संकल्पना को सतत प्रयास और नवाचार से दिया आधार
- न्यूज़
- Tuesday | 1st October, 2024
2010 में जब कौशल इस स्कूल के प्रभारी बने, तब छात्रों की संख्या करीब 35 थी।
आज नियमित छात्र 206 हैं।
इनमें लड़कियों की संख्या अधिक है। मुस्लिम बाहुल इलाका होने के कारण यहां छात्र आना नहीं चाहते थे।
बावजूद कौशल घर-घर गए, बच्चों को स्कूल लेकर आए। आसपास के आधा दर्जन से अधिक प्राइवेट स्कूल के बच्चों ने नाम कटाकर इस स्कूल में दाखिला लिया।
केवल प्रधानाध्यापक का बच्चों के प्रति स्नेह देखकर। कौशल कुमार सिंह, प्रभारी प्रधानाध्यापक उत्क्रमित मध्य विद्यालय नागनगर सुसनीलेवा। राज्य का पहला स्कूल जहां छात्रों के लिए सिक रूम सिक रूम अमूमन प्राइवेट स्कूलों में होता है।
सरकारी स्कूलों में इसकी व्यवस्था नहीं है।
कौशल ने अपने स्कूल में इसकी जरूरत समझी, अपने खर्च पर सिक रूम तैयार किया। यहां एक बेड, कुर्सी-टेबल, फर्स्ट एड बाक्स और छात्राओं के लिए सेनेटरी पैड हैं।
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