उत्तराखंड समेत 5 राज्यों में बड़ा खतरा, ग्लेशियर झीलों का आकार 40 फीसदी तक बढ़ा, फटने पर मच सकती तबाही

केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 67 ऐसी झीलों की पहचान की गई है, जिनके सतही क्षेत्रफल में 40 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है।

ऐसी स्थिति उत्तराखंड समेत लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में सर्वाधिक है।

ऐसी झील से ग्लेशियल लेक आउटब‌र्स्ट फ्लड (जीएलओएफ) का खतरा सर्वाधिक है और इनकी गहन निगरानी की संस्तुति की गई है। चिंताजनक: तेजी से पिघल रहे ग्लेशियरपिछले साल इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) ने अपनी एक रिपोर्ट में अहम खुलासा किया था।

इसमें यह सामने आया कि 2011 से 2020 तक ग्लेशियर पिघलने की रफ्तार 2000 से 2010 की तुलना में 65% अधिक रही है।

ग्लेशियर पिघलने की यह रफ्तार बेहद चिंताजनक है।

इसकी वजह यह है कि हिमालय लगभग 165 करोड़ लोगों के लिए अहम जल स्रोत है।

अगर यही रफ्तार रही तो सदी के अंत तक ग्लेशियर 80 प्रतिशत तक खत्म हो सकते हैं। यह भी पढ़ें: अल्मोड़ा में ओवरलोड बस खाई में गिरी, 36 की मौत; हादसे में मरने वाले अधिकतर युवा यह भी पढ़ें: जोर की आवाज हुई और पलक झपकते ही गहरी खाई में गिरी यात्रियों से भरी बस, मची चीख पुकार ।

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