Weather Update: हरिद्वार-रुड़की और उधमसिंह नगर में आज से घने कोहरे का येलो अलर्ट, दून में शुष्क रहेगा मौसम

पतझड़ का मौसम नैनीताल में पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए दिलकश होता है।

इस मौसम में चिनार के पत्ते लाल हो जाते हैं।

1930 के आसपास अंग्रेजों ने माल रोड में झील किनारे 50 से अधिक चिनार के पौधे लगाए।

प्रो रावत के अनुसार देखरेख के अभाव में अब चिनार के पेड़ों की संख्या करीब 15 ही रह गई है।

उन्होंने कहा कि कश्मीर में इस पेड़ की आयु करीब सात सौ साल है जबकि नैनीताल में आयु इतनी नहीं है। ये भी पढ़ेंः Weather Update: नवंबर में दिसम्बर जैसी कड़ाके की ठंड पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में आया बदलाव, IMD का अपडेट ये भी पढ़ेंः Agra Mig Crash Update: मिग-29 हादसे में ब्लैक बॉक्स की जांच पूरी, चार मिनट में आसमान से खेत पर आ गिरा था विमान कनाडा से लाया गया था मेपल मेपल का पेड़ कनाडा के झंडे में भी शामिल है।

इसे नैनीताल में कनाडा से ही लाया गया है।

इतिहासकार प्रो रावत के अनुसार मेपल की लकड़ी से वायलिन बनता है।

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