Uttarakhand: अब नहीं होगा भूजल का अंधाधुंध उपयोग, व्यावसायिक उपयोग पर जल मूल्य वसूली को बनेगी एसओपी

इस सबको देखते हुए सरकार ने भूजल व जलस्रोतों से पानी के व्यावसायिक उपयोग पर कर लगाने का निर्णय लिया है।

कैबिनेट की 23 अक्टूबर को हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई थी।

सिंचाई विभाग को इसका नोडल बनाया गया है। यह भी पढ़ें- Diwali 2024: दिल्ली आइएसबीटी पर उत्तराखंड के यात्रियों में सीट के लिए मारामारी, दून आने वाली बसें फुल; ट्रेनें पैकसाथ ही भूजल व जलस्रोत से व्यावसायिक उपयोग को पानी लेने के दृष्टिगत श्रेणियां तय कर इनके लिए दरों का निर्धारण भी कर दिया गया था।

भूजल का उपयोग करने के दृष्टिगत चार श्रेणियां सुरक्षित, अर्द्ध गंभीर, गंभीर व अति दोहित क्षेत्र निर्धारित कर इसी हिसाब से जल मूल्य की दरें तय की गई हैं, जो 11 से 648 रुपये तक हैं।

इसी प्रकार जलस्रोत से पानी लेने पर 11 से 54 रुपये की दर निर्धारित है। एसओपी बनाने की कसरत में सिंचाई विभाग जुटाअब कैबिनेट के निर्णय के अनुरूप जल मूल्य की वसूली को एसओपी बनाने की कसरत में सिंचाई विभाग जुटा है।

सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष जेपी सिंह के अनुसार इस सिलसिले में कमेटी गठित की गई है।

एसओपी के लिए कमेटी अन्य विभागों से राय ले रही है, क्योंकि यह बेहद समग्रता में बननी है।

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