Dehradun के कॉल सेंटर बन रहे अपराध का नया ठिकाना, बाहरी राज्यों से दून पढ़ने के लिए आए युवा सावधान!

फर्जी कॉल सेंटर के नेटवर्क को तोड़ने की चुनौती पुलिस के लिए पहले बाहरी राज्यों के साइबर ठगों को पकड़ने की चुनौती थी, लेकिन अब राजधानी में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर के नेटवर्क को तोड़ने की चुनौती खड़ी हो गई।

अप्रैल में एसटीएफ ने एक साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया था, जो कि देशभर में पीएम मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी कर रहा था। गिरोह में आंध्र प्रदेश व मध्य प्रदेश के युवक शामिल थे, जो कि प्रेमनगर क्षेत्र में पढ़ाई के साथ-साथ ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।

इस मामले में एसटीएफ ने गिरोह के सरगना सहित तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया था, जो अलग-अलग कॉल सेंटर से प्रशिक्षण लेकर आए थे।

उन्होंने प्रेमनगर क्षेत्र में कॉल सेंटर खोलकर साइबर ठगी करनी शुरू कर दी। इसी महीने एसटीएफ ने एक ऐसे आरोपित को गिरफ्तार किया था, जिसने अपने घर पर ही टेलीफोन एक्सचेंज खोला था।

वह अंतरराष्ट्रीय फोन कॉल को लोकल कॉल में परिवर्तित करता था।

आरोपित ने टेलीफोन एक्सचेंज के लिए बीएसएनएल से 500 नंबर लिए थे, जिनसे विदेश से आने वाली कॉल को लोकल में परिवर्तित करके डायवर्ट करता था।

इसी एक्सचेंज से कुछ समय पहले विदेश से आए एक कॉल को आरोपित ने लोकल में परिवर्तित किया था, जिसमें उप्र के जिला बांदा कारागार के जेल अधीक्षक को जान से मारने की धमकी दी गई थी। 12 मई को पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने पटेलनगर से एक कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया था, जहां से विदेशी नागरिकों के साथ ठगी की जा रही थी।

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