62 साल बाद होगी घर वापसी, दोबारा बसाया जाएगा उत्तरकाशी का जादूंग गांव; जीएमवीएन को मिली जिम्मेदारी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जादुंग गांव को वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली कराया गया था।

वर्तमान में इस गांव के 23 परिवार नीचे बसे बगोरी गांव में रह रहे हैं। गांव बसाने को बजट मंजूर पिछले दिनों केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत इस गांव को भी शामिल किया तो इसे जीवंत बनाने की कार्ययोजना तैयार की गई।

इसे बसाने का जिम्मा जीएमवीएन को दिया गया और बजट भी स्वीकृत हो गया।

वहां छह होमस्टे बनाकर उनका संचालन पूर्व में रहने वाले छह परिवारों को दिया जाएगा।

जिससे उनकी आय का स्रोत बनेगा और पलायन में भी अंकुश लगेगा। वहीं सरकार ने जादुंग में होमस्टे के लिए यह शर्त भी हटा दी है कि होम स्टे संचालक को परिवार सहित वहां रहना अनिवार्य होगा।

यह छूट दी गई है कि होमस्टे वाला परिवार चाहे तो उसे लीज पर भी दे सकता है या फिर सरकार को भी संचालन के लिए दे सकता है। कार्य शुरू कराने के लिए टेंडर जारी सरकार की इस परियोजना से आने वाले दिनों में जादुंग में पर्यटकों के लिए रहने की दिक्कत नहीं होगी।

जीएमवीएन ने निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं और वन विभाग समेत अन्य विभागों से एनओसी लेने की प्रक्रिया चल रही है।

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