प्रखंड पर्यटन दर्शनीय बिहार: प्रकृति की छटा बिखेरता कुशेश्वरस्थान लुभाता देसी-विदेशी पक्षियों का कलरव

गर्मी शुरू होते ही लौटने लगते हैं।

हालांकि, यहां उचित व्यवस्था नहीं होने और उपेक्षा के चलते प्रवासी पक्षियों के आने की संख्या में अब कमी आई है।

पक्षी विशेषज्ञ डा. विद्यानाथ झा कहते हैं कि हर साल बाढ़ की वजह से सिल्ट जमा होने के कारण चौरों की जलग्रहण क्षमता सिकुड़ती जा रही। इससे चौरों में पानी का अभाव हो गया है।

पक्षियों के भोजन फाइटोप्लांकटन और प्लैंकटन की मात्रा भी समाप्त हो गई।

कमला बलान नदी के पश्चिमी और करेह नदी के उत्तरी तटबंध को बढ़ाकर फुहिया में मिला देने से बाढ़ का पानी आना बंद हो जाने से पक्षी कम ही आते हैं। प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने के लिए पक्षी विहार के लिए अधिगृहीत जमीन की उड़ाही एवं सुंदरीकरण के लिए वर्ष 2023 में डीएफओ ने 80 लाख रुपये का प्रस्ताव वन विभाग को भेजा था।

रकम मिले तो इस पर काम हो।

इससे पक्षी विहार की रौनक लौटेगी। कुशेश्वरस्थान में शिव गंगा घाट पर प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए बना वाच टावर। प्रभु श्रीराम के पुत्र कुश ने की थी शिवलिंग की स्थापना पक्षी विहार आने पर पर्यटक उत्तर बिहार के प्रसिद्ध तीर्थस्थल के रूप में ख्याति प्राप्त कुशेश्वरस्थान शिव मंदिर को भी देख सकते हैं।

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