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Darbhanga News: अदालत में `मैथिली` में बहस की हुई शुरुआत, वकीलों ने जताई खुशी; कहा- हमारी भाषा और मजबूत होगी
- न्यूज़
- Saturday | 8th June, 2024
बहस की अनुमति न्यायिक दंडाधिकारी राघव ने दी और फिर तीनों अधिवक्ताओं ने मुकदमे से जुड़े तथ्यों को मैथिली भाषा में व्यक्त किया।
अपनी मातृभाषा में बहस होते देख पक्षकार भी संतुष्ट दिखे जबकि अधिवक्ता में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई।
सर्वप्रथम मैथिली में बहस की शुरुआत करनेवाले वरीय अधिवक्ता शशिकांत झा ने बताया कि जब न्यायिक दंडाधिकारी राघव ने मेरे अनुरोध को मान लिया तो मेरी अंतर आत्मा प्रसन्न हो उठी। इसके बाद अपनी बहस मैथिली में की।
जिसे न्यायाधीश ने गंभीरता से सुना और उन्होंने मुस्कुराकर मैथिली की मधुरता को स्वीकार किया।
इसके बाद एक जमानत याचिका पर अधिवक्ता अरुण कुमार चौधरी ने भी मातृभाषा मैथिली में ही बहस किया। जबकि तीसरी बहस फौजदारी मुकदमा में जमानत याचिका फर अधिवक्ता पवन कुमार चौधरी ने किया।
इस दौरान न्यायालय प्रकोष्ठ में मौजूद पक्षकारों के चेहरे खुशी से सराबोर दिखा।बता दें कि वर्ष 1906 में स्थापित दरभंगा व्यवहार न्यायालय में मुकदमों की पैरवी अधिवक्ता हिन्दी या अंग्रेजी में करते रहे हैं।
वर्तमान में भी अधिकांश मामलों में हिन्दी या अंग्रेजी में ही बहस होती हैं। जबकि भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में मैथिली भाषा को वर्ष 2003 में शामिल किया गया था।
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