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Bihar Bhumi Survey: दादा-परदादा के खतियान निकालने में छूट रहे पसीने, केवाला-वंशावली के लिए भी भटक रहे लोग
- न्यूज़
- Friday | 20th September, 2024
दस लाख फोल्डर का हो चुका डिजिटलाइजेशन जिला अभिलेखागार के 10 लाख फोल्डर का डिजिटलाइजेशन हो चुका है, लेकिन जांच के अभाव में मात्र चार से पांच लाख फोल्डर ही सही रूप से इस पर हैं।
अगर डिजिटलाइजेशन वाला फोल्डर पकड़ता है तो एक-दो दिनों में खतियान का नकल दे दिया जाता है, लेकिन लाखों फोल्डर नष्ट हैं।
जिसके कारण उसकी नकल देना असंभव है। हजारों दस्तावेज पुराने होने के कारण वह छूते ही चूर हो जा रहे हैं।
यही कारण है कि बाप, दादा और परदादा के खतियान निकालने में लोगों का पसीना छूट रहा हैं। जमीन मालिकों को देने होंगे ये डाक्युमेंट्स सर्वे के लिए जमीन मालिकों को अपने स्व. घोषणा पत्र के साथ भूमि के स्वामित्व संबंधी दस्तावेज जैसे जमाबंदी रजिस्टर, लगान रसीद, एलपीसी, वासगीत परचा, दान, विनिमय, जमीन का खतियान, केवाला, वंशावली, बंटवारा के कागज आदि डाक्युमेंट्स संलग्न करने होंगे। विशेष सर्वे का काम शुरू होने के बाद से खतियान का नकल पाने के लिए लोगों की भीड़ बढ़ी है।
प्रतिदिन 1500 के करीब फॉर्म जमा हो रहे हैं।
एक सप्ताह में 2000 से 3000 लोगों को इसका दस्तावेज उपलब्ध कराया जाता है।
- प्रशांत कुमार, अभिलेखागार प्रभारी पदाधिकारी सह डीपीआरओ पंचायत। ये भी पढ़ें- Bihar Bhumi Batwara: पुश्तैनी संपत्ति का करना है बंटवारा तो ये है सबसे सही मौका, आसानी से हो जाएगा काम ये भी पढ़ें- Bihar Bhumi Survey 2024: जमीन सर्वे में सबसे बड़ी बाधा दूर, नीतीश सरकार ने निकाली गजब की स्कीम ।
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