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MP News: दोस्तों के साथ गप्पे मार रहा था युवक, तभी आ गया हार्ट अटैक; सीपीआर देने पर भी चली गई जान
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- Friday | 25th October, 2024
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने देवर की हत्या में सत्र न्यायालय से आजीवन कारावास से दंडित महिला के साथ उसकी भाभी को तब निर्दोष माना है, जब वह 14 वर्ष की सजा काट चुकी है।
कोर्ट ने महिला को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया, साथ ही उसकी भाभी को भी दो मासूम बच्चों के साथ जेल में साढ़े तीन माह रहने को अनुचित करार किया।
कोर्ट ने पुलिस जांच की ¨नदा करते हुए पुलिस कर्मियों और 11 गवाहों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया की एकलपीठ ने कहा कि पुलिस की मनमानी कार्रवाई अपराध से कम नहीं है।खंडवा जिले की सरजूबाई और उसकी भाभी भूरी बाई को वर्ष 2010 में सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया था।
सरजूबाई के देवर हरी उर्फ भग्गू का शव 21 सितंबर 2008 को नीम के पेड़ पर फंदे से लटकता पाया गया था।पुलिस ने सरजू और भूरी को आरोपित बनाया और दर्शाया कि सरजू के बरामदे में कीटनाशक दवा की खाली बोतल पाई गई।
दवा खिलाकर पहले हरी की हत्या की गई, फिर उसे फांसी पर लटका दिया गया।
सत्र न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध सरजूबाई और भूरी बाई ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाई कोर्ट ने कहा कि गांव में जो लोग खेती करते है, उनके घर पर कीटनाशक दवाएं होती हैं।
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