विद्यार्थियों को अवसाद से निकाल रही एक सरकारी स्कूल की प्रयोगशाला, बच्चों को दिखा रहे नई राह

कक्षा 10वीं के एक छात्र पर उसके स्वजन टापर बनने का दबाव बना रहे थे।

छमाही परीक्षा में उसका परिणाम अच्छा नहीं रहा तो वह अवसाद में चला गया।

काउंसलिंग के बाद उसने फिर से लय पकड़ी और बेहतर प्रदर्शन किया।11वीं में एक छात्रा को कला संकाय लेना था, लेकिन माता-पिता ने उसे विज्ञान लेने का दबाव बनाया।

छात्रा काफी तनाव में थी।

उसके माता-पिता को बुलाकर उनकी काउंसलिंग की गई। पर्सनल काउंसलिंग कर अब तक कई ऐसे बच्चों को अवसाद से उबारा गया है,जो आत्मघाती विचारों से घिर गए थे।

अब वे सामान्य हैं और पढ़ाई में भी अच्छा कर रहे हैं। रेखा शर्मा, प्राचार्य, माडल स्कूल -विद्यार्थियों की काउंसलिंग में यह महसूस हुआ है कि माता-पिता अपने बच्चों से बड़ी उम्मीद लगा बैठते हैं।

इसे पूरा करने के दबाव में बच्चा अवसाद में चला जाता है।

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