गांव का प्रधान कौन? यूपी के बरेली में तीन साल बाद उठा सवाल; चुनाव से बने थे रफीक, निर्वाचन सूची में दर्ज शफीक

जांच अधिकारियों का कहना था कि तात्कालिक तौर पर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांची जा रही है।

प्रधान का असली नाम क्या है, इसके लिए जिला स्तर पर अलग टीम जांच कर रही।

ग्राम सचिव राजू से भी प्रकरण की जानकारी ली गई है।ये भी पढ़ेंः Khair Assembly By Elections Live Result 2024: जाटलैंड में सपा का खुलेगा खाता या भाजपा का कायम रहेगा परचम कुछ देर में आने वाला है फैसला ये भी पढ़ेंः UP Police Constable Result 2024: पुलिस भर्ती लिखित परीक्षा में कासमपुर खोला के 26 अभ्यर्थी उत्तीर्ण, खुशी की लहर दूसरी ओर, कुछ ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानी के चुनाव के समय रफीक ने अपने भाई शफीक का भी नामांकन करा दिया था।

बाद में रफीक का पर्चा स्वीकृत होने पर शफीक की नाम वापसी करा दी गई।

चुनाव होने पर रफीक ने 50 वोटों से जीत दर्ज की।

उसके बाद से बजट एवं अन्य सभी कागजों में रफीक का नाम ही है।

संभव है निर्वाचन अधिकारी या सहायक निर्वाचन अधिकारी की गलती से निर्वाचन आयोग की सूची में रफीक के बजाय शफीक का नाम अंकित करा दिया गया हो। भूमि संरक्षण अधिकारी ने बताया कि जांच कराई जा रही, इसके बाद ही नाम को लेकर भ्रम या त्रुटि दूर हो सकेगी। ।

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