100 करोड़ की टैक्स चोरी का केस डीएम कोर्ट में लंबित, आबकारी अधिकारी ने कर डाला फैसला
- 100 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला डीएम कोर्ट में लंबित रहा।
- आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कर दिया मामले का फैसला।
- डीएम बोले- मेरी कोर्ट में लंबित मामलों में नहीं ले सकते निर्णय।
बरेली- शराब माफिया के साथ प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब डीएम कोर्ट में लंबित होने के बावजूद जिला आबकारी अधिकारी की ओर से टपरी डिस्टलरी में 100 करोड़ रुपये की एक्साइज ड्यूटी की चोरी के आरोपी मनोज जायसवाल की पत्नी और भाइयों की शराब की दुकानों के लाइसेंसों का नवीनीकरण किए जाने का खुलासा हुआ है।
पिछले साल मार्च में सहारनपुर की टपरी डिस्टलरी में करीब 100 करोड़ रुपये की एक्साइज ड्यूटी की चोरी पकड़ी गई है। इस मामले में डिस्टलरी मालिक प्रणव अनेजा के साथ बरेली के शराब कारोबारी मनोज जायसवाल को प्रमुख आरोपी माना गया है। इसके बाद मनोज के बरेली में डाउन टाउन बार, उनकी पत्नी कनुप्रिया, भाई नीरज और विकास जायसवाल की शराब की दुकानों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए थे।
शराब माफिया के आगे अधिकारी किस हद तक नतमस्तक थे कि इसकी पुष्टि करीब तीन महीने पहले तब हुई जब बरेली के तत्कालीन डीएम मानवेंद्र सिंह ने मनोज जायसवाल की पत्नी और भाइयों के नाम पर चल रहीं दुकानों को निलंबित होने के बावजूद बहाल कर दिया।
तत्कालीन डीएम का यह कारनामा मीडिया में आया तो जिला आबकारी अधिकारी डीएन दुबे ने इस आदेश के खिलाफ आबकारी आयुक्त के यहां अपील की। उन्होंने डीएम को इस पर दोबारा विचार करने निर्णय लेने को कहा था। यह मामला अब तक डीएम के कोर्ट में लंबित है लेकिन जिला आबकारी अधिकारी ने ही इन दुकानों के लाइसेंस नवीनीकृत कर दिए हैं।
डीएम बोले- मेरी कोर्ट में लंबित मामले में नहीं ले सकते निर्णय
डीएम शिवकांत द्विवेदी ने बताया कि जिन दुकानों के लाइसेंस के निलंबन का मामला उनकी कोर्ट में लंबित है, उसमें आबकारी अधिकारी निर्णय नहीं ले सकते। जिला आबकारी अधिकारी अभी छुट्टी पर हैं। उनके लौटते ही पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की जाएगी और इस मामले में उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।
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