बरेली-सितारगंज प्रोजेक्ट के लिए 468 करोड़ बांटा गया मुआवजा, अब सामने आई धांधली; रिकवरी की तैयारी में प्रशासन

गिरोह ने किया काम, बड़े पैमाने पर अधिकारियों की मिलीभगत का अंदेशा दैनिक जागरण ने सोमवार को पीलीभीत के अमरिया व नकटपुरा में पड़ताल की तो प्रस्तावित मार्ग पर किए गए अधिकतर निर्माण हटे मिले, तो कुछ स्थानों पर निर्माण बने मिले।

स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्ष 2020 और 2021 में रुद्रपुर के व अन्य के लोगों द्वारा कुछ किसानों से भूमि ली गई, जिस पर एक वर्ष बाद ही अस्थायी निर्माण कर बाद में हटा दिया गया। अब घोटाले की बात सामने आने के बाद ग्रामीणों को असलियत समझ में आई।

लोगों ने बताया कि यहां जिन लोगों ने भूमि खरीदी, वह एक ही समूह से जुड़े लोग हैं, जिन्होंने भूमि अधिग्रहण को अवसर में बदलते हुए मुआवजे को हथियाया।

इसके लिए एक गांव के किसान से ली गई भूमि को 90 लाख में खरीदने और कुछ ही माह बाद उसे पांच करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि मुआवजे में मिलने की बात भी कही गई। बरेली-सितारगंज परियोजना पैकेज-टू पर एक नजर जिला कुल भूमि (हेक्टेयर में) स्वीकृत धनराशि बंटा मुआवजा शेष धनराशिपीलीभीत 26.2414 238.28 174.97 62.31बरेली 128.4490 253.48 222.03 31.45सितारगंज 116.99 71.39 45.60नोट:::(सभी धनराशि करोड़ में) ।

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