श्रीमहानिर्वाणी अखाड़ा ने आमंत्रण पत्र पर लिखा छावनी प्रवेश-अमृत स्नान, पेशवाई-शाही स्नान शब्द का प्रयोग बंद

वहीं, अखाड़ा परिषद के दूसरे गुट (श्रीमहानिर्वाणी) से जुड़े अखाड़े उससे सहमत नहीं हुए।

श्रीमहानिर्वाणी, निर्मल अखाड़ा ने अपने आमंत्रण कार्ड में कुंभ मेला छावनी प्रवेश और कुंभ अमृत स्नान लिखवाया है।

महानिर्वाणी अखाड़ा का भूमि पूजन छह दिसंबर, धर्मध्वजा पूजन 22 दिसंबर, कुंभ मेला छावनी प्रवेश शोभायात्रा दो जनवरी को है।इसे भी पढ़ें-सीएम योगी को धमकी देने वाला सैफ मांग रहा माफी, बोला- कभी नहीं करूंगा ऐसी गलती अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत यमुना पुरी का कहना है कि हमने गुलामी के प्रतीक नामों का प्रयोग बंद कर दिया है।

इसकी जगह छावनी प्रवेश व अमृत स्नान लिखा गया है।

यह नाम किसी के विरोध को लेकर नहीं लिखा।

अभी किसी एक नाम पर आपसी सहमति नहीं बनी है।

समय कम बचा है इस कारण अखाड़ों के संतों की राय लेकर नए नाम तय किए गए हैं। इसे भी पढ़ें-Bijli Connection का खत्म होगा इंतजार, कानपुर में आए 30 हजार सिंगल फेस स्मार्ट मीटरअखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (मनसा देवी ट्रस्ट के प्रमुख) के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने बताया कि छावनी प्रवेश व राजसी स्नान शब्द काे लेकर सनातन धर्म के धर्माचार्यों, विद्वानों से राय ली गई थी।

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