छोटे-मोटे अपराध में अब इन लोगों की नहीं होगी सीधे गिरफ्तारी, लेनी होगी अनुमति, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

वहीं, आम जनता की जानकारी को सुलभ करने के लिए थाना, जिला मुख्यालय पर एएसआइ स्तर के अधिकारी को गिरफ्तार व्यक्तियों के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रविधान भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 37 में किया गया है।

पुलिस भी छोटे-छोटे अपराध में दबिश देकर बुजुर्ग या बीमार व्यक्ति को तत्काल नहीं गिरफ्तार कर पाएगी। इसे भी पढ़ें-पूर्वी यूपी में आज होगी भारी बारिश, बलरामपुर-गोरखपुर सहित 40 से अधिक जिलों में वज्रपात का अलर्ट मुकदमा वादी, पीड़ित को विवेचना की प्रगति बताएगा विवेचक किसी भी मुकदमे की विवेचना करने वाले विवेचक के लिए यह आवश्यक कर दिया गया है कि वह 90 दिनों के भीतर विवेचना की प्रगति के बारे में वादी मुकदमा और पीड़ित व्यक्ति को बताएगा।

ई-मेल या वाट्सएप के जरिए भी प्रगति के बारे में अवगत करा सकता है।

इसका प्रविधान भी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 193 (3) में किया गया है। एसीपी श्‍वेताभ पांडेय ने कहा कि नए कानून में अपराध से संबंधित मामले में बीमार या बुजुर्ग की गिरफ्तारी से पहले डिप्‍टी एसपी से अनुमति लेना आवश्‍यक होगा। इसे भी पढ़ें-श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में साल की पहली छमाही में बढ़े 45.76 प्रतिशत श्रद्धालु, चढ़ावा जानकर हो जाएंगे हैरान ।

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