Prayagraj News: गैंगस्टर एक्ट में सांसद अफजाल की सजा रद होगी या बढ़ेगी, आदेश सुरक्षित

गैंगस्टर एक्ट के इस मुकदमे के बाद उनके खिलाफ दो ही मामले दर्ज हुए और वह भी 2009 एवं 2014 के चुनाव के दौरान जन प्रतिनिधित्व अधिनियम से जुड़े हैं।

विवेचक ने ट्रायल कोर्ट में अपने बयान में कहा है कि चार साल तक वह मोहम्मदाबाद थाने के इंचार्ज रहे, मगर इस दौरान अफजाल अंसारी के खिलाफ मुकदमा तो क्या, किसी ने छोटी मोटी शिकायत भी नहीं की। इसे भी पढ़ें-पूर्वी यूपी में आज होगी भारी बारिश, बलरामपुर-गोरखपुर सहित 40 से अधिक जिलों में वज्रपात का अलर्ट ऐसे में सजा बढ़ाने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता, अलबत्ता राजनीतिक द्वेषवश के मुकदमों में कानून के मुताबिक गैंगस्टर एक्ट लागू ही नहीं होता।

इसलिए सुनाई गई सजा निरस्त की जानी चाहिए। राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव एवं अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने अफजाल अंसारी को कम सजा सुनाई है।

ऐसा आयु (70 वर्ष) तथा उनके दो बार सांसद एवं कई बार विधायक चुने जाने के दृष्टिगत किया है। इसे भी पढ़ें-रामपथ से जुड़ा भ्रामक वीडियो प्रसारित करने पर मुकदमा दर्ज, जांच में जुटी पुलिस कानून के मुताबिक ट्रायल कोर्ट को अभियुक्त की आयु उस समय की देखना चाहिए था, जब अपराध हुआ था, तब उम्र 58 वर्ष थी।

जिन पर देश का भविष्य बनाने का दायित्व है, वह ही अगर अपराध करें तो उन्हें अधिकतम दंड दिया जाना चाहिए था। दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय के अधिवक्ता सुदिष्ट कुमार ने सरकार की तरफ से प्रस्तुत तर्कों पर सहमति जताई थी।

अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने चार साल कैद की सजा सुनाई है।

अफजाल अंसारी ने इसे रद करने के लिए अपील दाखिल की है। हाई कोर्ट ने पूर्व में सजा पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था।

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