इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, `देश का भविष्य बनाने वाले अपराध करें तो अधिकतम दंड हो`

ट्रायल कोर्ट ने ऐसा अफजाल अंसारी की आयु (70 वर्ष) तथा उनके दो बार सांसद एवं कई बार विधायक चुने जाने के मद्देनजर किया है, जबकि कानून के मुताबिक ट्रायल कोर्ट को अभियुक्त की उस समय की आयु देखना चाहिए था, जब अपराध हुआ था।

तब यह 55 वर्ष थी।

जिन पर देश का भविष्य बनाने का दायित्व है, वे अगर अपराध करें और गैंग बनाए तो उन्हें अधिकतम दंड दिया जाना चाहिए। इसे भी पढ़ें- यूपी में आठ तक बरसेंगे जमकर मेघ, लखनऊ-गोरखपुर सहित इन 60 जिलों में IMD ने जारी किया अलर्ट ऐसा ही ट्रायल कोर्ट को करना चाहिए था।

दूसरे वादी पीयूष राय के अधिवक्ता सुदिष्ट कुमार ने सरकार के तर्कों से पूरी तरह सहमति जताई।

अफजाल अंसारी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी एवं डीएस मिश्र व एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय ने बहस की। इसे भी पढ़ें-सिद्धार्थनगर में मवेशी के लिए घास काटने गई महिला को कुत्तों ने नोचा, इलाज के दौरान तोड़ा दम इन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने जो गैंग चार्ट बनाया है, उसमें कई सदस्य बनाए गए, लेकिन गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई केवल तीन लोगों पर की गई।

ट्रायल कोर्ट में विवेचक के बयान से स्पष्ट है कि ऐसा राजनीतिक द्वेषवश किया गया।

इसके अलावा जिस मूल मुकदमे के आधार पर अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में सजा सुनाई गई, उसमें उन्हें बरी किया जा चुका है। गैंगस्टर एक्ट के इस मुकदमे के बाद उनके खिलाफ दो ही मामले दर्ज हुए और वह भी 2009 एवं 2014 के चुनाव को लेकर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम से जुड़े हैं।

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