- होम >>
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद AMU में जश्न का माहौल, बांटी गई मिठाइयां; जमकर फोड़े गए पटाखे
- न्यूज़
- Friday | 8th November, 2024
1972 में इंदिरा गांधी सरकार ने भी माना कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है।
यूनिवर्सिटी में इसका विरोध भी हुआ।
बाद में इंदिरा गांधी सरकार ने 1981 में एएमयू एक्ट में बदलाव कर यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान माना।
2006 में एएमयू के जेएन मेडिकल कालेज में एमडी, एमएस की 50 प्रतिशत सीट मुसलमानों को आरक्षित करने के विरोध में हिंदू छात्र इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर थी सबकी नजरहाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हो सकती।
इस फैसले के विरोध में एएमयू सुप्रीम कोर्ट चली गई।
तभी से यह केस विचाराधीन है।
सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले पर एएमयू ही नहीं पूरी दुनिया की नजर थी।
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।