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रक्षाबंधन की सुबह होते ही घरों में रोने लगी महिलाएं, राखी देख बिलख पड़ी बहनें; अलीगढ़ में मातमी सन्नाटा
- न्यूज़
- Tuesday | 20th August, 2024
गांव के लोग तो एक ही बात बोलते।
साहब हमारे गांव को किसी को नजर लग गई।
मुकुट ने सभी को नौकरी पर लगवाया था।
वह भी हादसे में नहीं बच सका।
मुकुट सिंह के घर पर मां सत्तो देवी दहाड़े मारकर रो रही थीं। एक ही चिता पर पंचतत्व में विलीन हुए दोनों भाई एक साथ सात शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
गिर्राज और बाबू सिंह को एक ही चिता पर ही मुखाग्नि दी गई।
जयप्रकाश का शव बाद में पहुंचा था।
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