खैर विधानसभा उपचुनाव में सुरेंद्र दिलेर बने बीजेपी के प्रत्याशी, पिता व दादा के बाद चुनाव में अब तीसरी पीढ़ी

2002 में शहर सीट से अंतिम बार विवेक बंसल व 2004 में चौ. बिजेंद्र सिंह ही निर्वाचित हुए।

इसके बाद से कांग्रेस कोई चुनाव नहीं जीता।

विधानसभा चुनाव में बहुत बुरी हालत रही।

सभी सीटों पर प्रत्याशियों की जमानत बचना तो दूर, सम्मानजनक मत तक नहीं मिल सके।

खैर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो 1985 के बाद से कोई चुनाव कांग्रेस जीत नहीं सकी।

खोया जनाधार वापस पाने में कांग्रेस पूरी तरह विफल रही।  सीएम योगी उपचुनाव के लिए कर चुके हैं यहां सभा। लोकसभा चुनाव में लगा था विधानसभा क्षेत्र से झटकालोकसभा चुनाव में भाजपा को खैर विधानसभा क्षेत्र में झटका लगा था।

पार्टी प्रत्याशी सतीश गौतम को सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी चौ. बिजेंद्र सिंह से 1401 वोट कम मिले थे।

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