कुछ ऐसे हैं बाबा के ठाठ बाट: खचाखच भीड़... सफाई से सुरक्षा तक हर इंतजाम स्वयंसेवकों के पास, मीडिया से दूरी

इसके अलावा किसी को जाने की अनुमति नहीं थी।

उनका कार्यक्रम जब समाप्त हो जाता तब रामघाट रोड ताला नगरी से लेकर क्वार्सी चौराहे तक जाम लग जाता था। बाबा प्रवचन के दौरान किसी आसपास के गेस्ट हाउस में रुकते थे।

अलीगढ़ ही नहीं एटा, कासगंज, हाथरस, आगरा, बुलंदशहर और अन्य जिलों के श्रद्धालु यहां पर आते हैं।

रामघाट रोड पर बाबा का काफिला जब गुजरता था तब उनके सेवादार क्वार्सी चौराहे से लेकर ताला नगरी तक दोनों ओर सेवादार लग रहते थे।

वे ही ट्रैफिक व्यवस्था नियंत्रित करते हैं। मीडियाकर्मियों को बाबा के कार्यक्रम में अनुमति नहीं मिलती है।

पानी पिलाने से लेकर पंडाल की व्यवस्थाएं उनके सेवादारों के हाथ में होती थी।

भक्तों की आस्था का अंदाजा इस बात से लगाया जाता था कि बरसात के दिन में कार्यक्रम स्थल में पानी भर जाता था तो भक्त वहीं दलदल के आसपास रात गुजारते थे। बाबा का काफिला किसी VVIP से कम नहीं साकार बाबा जब सड़क पर निकलते थे तो उनका काफिला किसी वीवीआइपी से कम नहीं था।

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