Aligarh Muslim University : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जे पर कब क्या-क्या हुआ? पढ़िए पूरी जानकारी

1981: अल्पसंख्यक दर्जा देने के लिए अधिनियम में संशोधन 1967 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जवाब में कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने 1981 में एमएमयू अधिनियम में संशोधन किया।

संशोधन में कहा गया कि एएमयू की स्थापना निश्चित रूप से भारत के मुसलमानों द्वारा की गई है।

ऐसा मुसलमानों के शैक्षिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए किया गया था।

संशोधन ने एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा दिया। 2005: आरक्षण विवाद एएमयू ने पोस्टग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में मु्िस्लम छात्रों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2006 में आरक्षण नीति को खारिज कर दिया।

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एएमयू अल्पसंख्यक दर्जे का दावा नहीं कर सकता क्योंकि वह सुप्रीम कोर्ट के 1967 के फैसले के अनुसार अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है।

2006 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने इलाहाबाइ हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। 2016: मोदी सरकार ने वापस ली अपील प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर अपनी अपील वापस ले ली।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।