1965 से विवाद की शुरुआत... इंद‍िरा गांधी सरकार ने एक्‍ट में क‍िया बदलाव; AMU के अल्‍पसंख्‍यक स्‍वरूप का क्‍या है मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने 4:3 से एस अज़ीज बाशा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले को खारिज कर दिया, जिसमें 1967 में कहा गया था कि चूंकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है इसलिए इसे अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे के मुद्दे पर रेगुलर बेंच द्वारा निर्णय लिया जाएगा। पुल‍िस-प्रशानस अलर्ट, शहर भर में सतर्कतासुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए एएमयू सहित शहर भर में पुलिस अलर्ट हो गई थी।

गुरुवार देर रात तक यूनिवर्सिटी के सभी प्रवेश द्वारों पर चेकिंग की गई।

तीन दिन पहले भी डीएम-एसएसपी ने कुलपति के साथ इस संबंध में बैठक की थी।

सबकी नजर इसी पर टिकी थी क‍ि फैसला क्या आएगा? यूनिवर्सिटी का अल्पसंख्यक स्वरूप बचेगा या नहीं।

शुक्रवार के चलते शहर भर में भी सतर्कता की गई है। यह भी पढ़ें: AMU: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक दर्जा है या नहीं? 7 जजों की बेंच ने 4:3 के बहुमत से सुनाया फैसला ।

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