Rajkot TRP Gamezone Fire: गेमि‍ंग जोन हादसे को लेकर गुजरात सरकार का एक्‍शन, दो पुलिसकर्मियों समेत पांच अधिकारी सस्पेंड

प्रक्रिया में थी फायर एनओसी विशेष रूप से यह सामने आया है कि जिस सुविधा में शनिवार को आग लगी थी, वह फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के बिना संचालित की जा रही थी।

राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, गेम जोन को सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी।

इसने फायर एनओसी प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था, जो प्रक्रिया में था और अभी तक पूरा नहीं हुआ है। पांच अधिकारियों को निलंबित करने की सरकार की कार्रवाई मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल द्वारा शनिवार को उस जगह का निरीक्षण करने के एक दिन बाद आई है, जहां आग लगी थी।

उन्‍होंने संबंधित विभागों को ऐसी गंभीर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त और दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। सस्‍पेंड किए गए अधिकारियों के नाम जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उनमें राजकोट नगर निगम के नगर नियोजन विभाग के सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, आरएमसी के सहायक नगर योजनाकार गौतम जोशी, राजकोट सड़क और भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एमआर सुमा और पुलिस निरीक्षक वीआर पटेल और संबंधित विभाग के एनआई राठौड़ शामिल हैं। शनिवार शाम राजकोट के नाना-मावा इलाके में टीआरपी गेम जोन में आग लगने से बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई थी।

अधिकारियों ने पहले कहा था कि पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है और गेम जोन के छह साझेदारों और एक अन्य आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित विभिन्न आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की है। गुजरात उच्च न्यायालय ने रविवार को आग त्रासदी का स्वत: संज्ञान लिया और इसे प्रथम दृष्टया मानव निर्मित आपदा करार दिया।

हाईकोर्ट ने कहा कि सुविधा में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री का भंडार जमा किया गया था। राज्य सरकार ने एक विशेष जांच दल का गठन किया है और प्रत्येक मृतक के परिजन को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की है।

केंद्र सरकार ने प्रत्येक मृत व्यक्ति के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की है। ।

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