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Rajkot Gaming Zone Fire: `राज्य की मशीनरी पर भरोसा नहीं`, गुजरात हाई कोर्ट ने राजकोट नगर निगम को लगाई फटकार
- न्यूज़
- Monday | 27th May, 2024
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अदालत में चल रही है सुनवाई जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवन देसाई की विशेष पीठ गेमिंग जोन में आग लगने की घटना पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही थी।
अदालत ने यह भी कहा कि 2021 में टीआरपी गेमिंग जोन की स्थापना के समय से लेकर इस घटना (25 मई को) तक राजकोट के सभी नगर आयुक्तों को इस त्रासदी के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
पीठ ने नगर आयुक्तों को अलग-अलग शपथ पत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। 12 बच्चों समेत कम-से-कम 35 लोगों की मौत राजकोट में 25 मई को टीआरपी गेमिंग जोन में आग लगने से 12 बच्चों समेत कम-से-कम 35 लोगों की मौत हो गई थी।
अधिकारियों के मुताबिक, गेमिंग जोन को फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) के बिना संचालित किया जा रहा था।
हाई कोर्ट ने 26 मई को इस त्रासदी पूर्ण घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्टाया मानव जनित आपदा करार दिया।एक वकील ने अदालत को बताया कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए तत्काल निवारक और सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है। हमें राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं राज्य सरकार को एक व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने के लिए आगे आना होगा और इसके लिए सख्त कदम उठाने की दरकार है।
इस पर अदालत ने कहा, इतने सख्त कदम कौन उठाएगा? ईमानदारी से कहूं तो अब हमें राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं रहा।
इस अदालत के आदेशों के चार साल बाद, उन्हें निर्देश देने के बाद, उनके आश्वासन के बाद, यह घटित होने वाली छठी घटना है।
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