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गुजरात के सभी जिलों में ‘सहकारी संस्थाओं के बीच सहकार’ पहल शुरू करेगी गुजरात सरकार, 1700 से अधिक माइक्रो ATMs भी हुए स्थापित
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- Wednesday | 17th July, 2024
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सहकारी संस्थाओं की सामूहिक पूंजी को एक केंद्रीकृत बैंक के अंतर्गत समेकित करने पर कई महत्वपूर्ण परिणाम देखने को मिले हैं।
उदाहरण के तौर पर, केंद्रीयकृत सहकारी बैंक की जमा राशि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, सहकारी समितियों के बीच फाइनेंशियल लिक्विडिटी बढ़ी है, जिससे लोन संबंधी आवश्यकताओं और मांग को अब आसानी से पूरा किया जा सकेगा।
साथ ही, इस पहल से अब यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि सहकारी संस्थाओं की सामूहिक पूंजी अन्य सहकारी संस्थाओं के भी उपयोग में लाई जा सके। बनासकांठा और पंचमहल में सफल रहा सहकारी संस्थाओं के बीच सहकार पायलट प्रोजेक्ट जून 2023 से जनवरी 2024 के बीच, गुजरात ने बनासकांठा और पंचमहल जिलों में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा परिकल्पित इस पहल को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया। इस दौरान, दुग्ध संघों से संबद्ध 1048 दुग्ध समितियों के मौजूदा बैंक खातों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में समेकित किया गया और अधिशेष निधियों को उनके नए बैंक खातों में पूर्ण रूप से स्थानांतरित किया गया।
दोनों जिलों के सहकारी बैंकों में 4.7 लाख से अधिक नए बचत खाते खोले गए, जिससे इन बैंकों की मौजूदा जमा राशियों में ₹ 900 करोड़ से अधिक की भारी वृद्धि हुई है। 1600 से अधिक कर्मचारियों को दिया गया विशेष प्रशिक्षण इस पहल के अंतर्गत वित्तीय सेवाओं तक पहुँचने में सदस्यों के सामने आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, सहकारी समितियों से जुड़े 1,631 से अधिक कर्मचारियों को माइक्रो-ATM के संचालन, नकद निकासी और जमा करने सहित डिजिटल लेनदेन पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। उल्लेखनीय है कि ग्राम स्तर पर बैंकिंग सुविधाओं और फाइनेंशियल लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए इन जिलों में कुल 1,736 समितियों को माइक्रो-ATM से सुसज्जित किया गया और उन्हें बैंक मित्र के रूप से संबद्ध किया गया है। इसके अलावा, इस पहल के अंतर्गत इन सहकारी संस्थाओं को पर्याप्त आय अर्जित करने के लिए कमीशन दरें भी निर्धारित की गई हैं, जिससे माइक्रो- ATM के प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा।
इतना ही नहीं, सहकारी संस्थाओं और सक्रिय सदस्यों को कुल 3.32 लाख RuPay डेबिट कार्ड भी जारी किए गए है। पूरे गुजरात में लागू किया जाएगा सहकारी संस्थाओं के बीच सहकार मॉडल बनासकांठा और पंचमहल में इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद राज्य सरकार ने इसे सभी जिलों के सहकारी संस्थाओं के बीच लागू करने का निर्णय किया है।
इस पहल के कार्यान्वयन के बाद जिला सहकारी बैंक गांव स्तर पर अपनी सेवाओं का विस्तार करने में सक्षम होंगे और यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि गुजरात की सहकारी संस्थाओं की पूंजी उन संस्थाओं से जुड़े सदस्यों और अन्य छोटी सहकारी संस्थाओं की वित्तीय गतिविधियों को पूरा करने में भी उपयोग में लाई जा सके। ।
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