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तेजोमहादेव मामले में अगली सुनवाई 12 दिसंबर को; केस फिर हुआ ट्रांसफर
- न्यूज़
- Friday | 8th November, 2024
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने इससे पहले मार्च 2024 में कोर्ट में जिरह की थी।
उस समय उन्होंने बताया था कि सभी का विश्लेषण करने पर यह साबित होता है कि ताजमहल का अस्तित्व शाहजहां से पहले का है।
मूल रूप से यह तेजोलिंग महादेव का मंदिर है, जिसे तेजो महालय कहते थे।
वाद में श्री भगवान श्री तेजोमहादेव, योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट, क्षत्रिय शक्तिपीठ विकास ट्रस्ट व अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह वादी हैं।
सचिव संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, महानिदेशक एएसआई, अधीक्षण पुरातत्वविद एएसआई आगरा सर्किल, महानिदेशक यूपी टूरिज़्म प्रतिवादी हैं। इसे भी पढ़ें- ताजनगरी की हवा हुई जहरीली, 33 गुना ज्यादा मिली कार्बन मोनोआक्साइड की मात्रा; घुट रहा लोगों का दम ।
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