World Sloth Bear Day: कलंदर के जुल्म भुलाने के लिए भालुओं को हर दिन दिया जाता है एक `टास्क`, PHOTOS

इस तरह के होते हैं स्लॉथ भालू। स्लॉथ भालू दुनिया भर में पाई जाने वाली आठ भालू की प्रजातियों में से एक है।

उन्हें लंबे, झबरा गहरे भूरे या काले बाल, छाती पर सफेद वि की आकृति और चार इंच लंबे नाखून से पहचाना जा सकता है।

भारतीय उपमहाद्वीप में वे तटीय क्षेत्र, पश्चिमी घाट और हिमालय बेस तक यह फैले हुए हैं। स्लॉथ भालुओं का गढ़ है भारत देश में पूरे विश्व की 90 प्रतिशत स्लॉथ भालुओं की आबादी रहती है।

पिछले तीन दशकों में मुख्य रूप से घटते जंगल, अवैध शिकार और मानव-भालू संघर्ष बढ़ने से इनकी आबादी में 40 से 50 प्रतिशत गिरावट हुई है।

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में इस प्रजाति को अनुसूची-1 के तहत सूचीबद्ध किया गया है, जो इन्हें बाघ, गैंडे और हाथियों के समान सुरक्षा प्रदान करता है।

पहले खेलों में इनका इस्तेमाल करते थे कलंदर स्लाथ भालुओं को भारत में डांसिंग भालू प्रथा के तहत मनोरंजन के लिए पकड़ा जाता था। कलंदर से बचाया गया स्लॉथ भालू। वाइल्डलाइफ एसओएस ने 700 से अधिक नाच दिखाने वाले भालुओं को बचाया और उन्हें संरक्षण दिया।

पहले खेलों में इनका इस्तेमाल कलंदर करते थे।

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