April fool’s day: क्या है अप्रैल फूल मनाने का राज़, जानिए इससे जुड़ा इतिहास

  • क्यों मनाया जाता है अप्रैल फूल
  • जानिए अप्रैल फूल डे से जड़ा इतिहास
  • इस दिन का इतिहास लगभग 438 साल पुराना है

 

साल में हम कई तरह के त्योहार मनाते हैं, लेकिन एक दिन ऐसा है जो त्योहार तो नहीं है लेकिन मनाया हर जगह जाता है. हम बात कर रहे हैं अप्रैल महीने से शुरू होने वाले अप्रैल फूल डे की. हर कोई इस दिन को जानता है साथ ही अलग अलग तरीके से सबको बेवकूफ भी बनाया जाता है.

बता दें कि  कई देशों में इस दिन छुट्टी भी रहती है और कई देशों में ये दिन आम दिन की तरह ही चलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर एक अप्रैल को ही फूल डे क्यों मनाया जाता है? चलिए हम बताते हैं

ग्रेगोरियन कैलेंडर

कई इतिहासकार मानते हैं कि इस दिन का इतिहास लगभग 438 साल पुराना है। जब 1582 में फ्रांस ने जूलियन कैलेंडर को छोड़कर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया था।

जहां जूलियन कैलेंडर में एक अप्रैल से नया साल शुरू होता था, तो वहीं ग्रेगोरियन कैलेंडर में ये एक जनवरी शिफ्ट हो गया। वहीं, इसको लेकर कहा जाता है कि कैलेंडर बदलने के बाद भी कई लोग इस बदलाव को समझ नहीं पाए और वो एक अप्रैल को ही नया साल मना रहे थे।

यही वजह थी कि मार्च के आखिरी सप्ताह में उनका सेलिब्रेशन शुरू होता था और एक अप्रैल तक चलता था। ऐसे में लोग इनका मज़ाक बनाते थे, जिसकी वजह से उन्हें अप्रैल फूल कहा जाने लगा और इस दिन की शुरूआत हो गई।

हिलेरिया

दूसरी तरफ कुछ इतिहासकारों ने इसे हिलेरिया से भी जोड़ा। हिलेरिया एक लैटिन शब्द है, जिसका मतलब है आनंदित। वहीं, हिलेरिया प्राचीन रोम में यहां के समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला एक त्योहार था, जिसे मार्च महीने के आखिर में मनाया जाता था।

इसमें लोग एक-दूसरे व्यक्ति का वेश रखकर लोगों को बेवकूफ बनाते थे। इसलिए कहा जाता है कि यहां से भी अप्रैल फूल मनाने की शुरुआत हुई थी।

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